
हिंदी भाषा में, कई कविताएँ ऐसी होती हैं जिनके दोहरे मतलब होते हैं। हालांकि, हमें सिर्फ डबल मीनिंग चुटकुलों के बारे में ही पता था लेकिन अब कविताओं में भी डबल मीनिंग कविताएँ देखने को मिलती हैं।
नीचे हमने आपके लिए कुछ सर्वकालिक
सर्वश्रेष्ठ डबल मीनिंग कविताएँ लिखी हैं। ये सभी कविताएँ हमारी वेबसाइट के सदस्यों
द्वारा लिखी गई है और ये सभी दोहरे अर्थ वाली कविताओं के सबसे अच्छे उदाहरण हैं।
मुंह में लेना तुम्हे पसंद नहीं
एक भी कतरा शराब का
फिर क्यों बोलती हो धीरे से डालो
बालों में फूल गुलाब का।
होंटों को उसके दबा कर अपने होंटों
में
मैंने उसको सीने से लगा लिया
ठंडे पड़ चुके उसके बदन में
मैंने ज्वालामुखी भड़का दिया।
कुछ तो था उसके होठो पर
न जाने हम से क्यों शर्माती थी
एक दिन हसी तब पता चला
कमीनी तम्बाकू खाती थी।
जब भी तेरी याद ने मुझको सताया
है
मैंने हाथों का सहारा लेकर खुद
को समझाया है
दारू को कभी हाथ नहीं लगाया
बस जिम में पसीना बहाया है।
दिल में जब तेरी याद चली आती है
मेरी बाहें तुझे पाने को तड़प जाती
हैं
मेरा दिल पागल सा रहता है तेरे
लिए
मगर तू किसी और को चाहती है।
सोते सोते जब उनका ख्याल आ जाता
है
मेरे बदन का एक हिस्सा जाग जाता
है
हम अपने दिल की बात कर रहे हैं
आपका ध्यान पता नहीं कहाँ कहाँ
जाता है।
दिल को इस तरह से समझाते रहे
हम पूरी रात अकेले बैठ हिलाते
रहे
हिला हिला कर दारू की बोतल को
पेग बना कर अकेले ही लगाते रहे।
जिसके साथ प्यार करो
उसके साथ घर बसाना चाहिए
सिर्फ घोड़ी बनाने वाला नहीं
घोड़ी पर चढ़ कर आने वाला चाहिए।
पकड़ो इसको अपने हाथ से
और थोड़ा सा दबा दो
मेरे हाथों को थाम अपने हाथ में
मुझे अपना बना लो।
लेकर मुंह में तुम मदहोश हो जाओगी
जब तुम मेरे हाथ के बने गोलगप्पे
खाओगी।
मैं संभल गया हूँ अब मेरी ज़िंदगी
में
तू लौट कर ना आ
मैंने सीख लिया हाथ का इस्तेमाल
करना
अब तू कहीं और जाकर मरवा।
रात को याद करके सोता हूँ तुम्हें
सुबह उसको खड़ा पाता हूँ
दिन में मैं जागता हूँ तेरी याद
में और
रात में नीचे वाले को जगाता हूँ।
उसने कहा और दबाओ, मैंने और दबाया!
उसने कहा बनियान निकल दो,
फिर दबाओ, मैंने फिर दबाया!
उसने कहा पेंट भी निकाल दो,
फिर दबाओ, मैंने फिर दबाया!
देखा हो गया न सूटकेस बंद।
उठा कर करो, सर झुकाकर करो,
लेटा कर करो, आगे पीछे दोनों तरफ
से करो,
जितना करोगे उतना अच्छा महसूस
होगा,
कितने फायेदें हैं बाबा बाम देव
जी की योगा के।
अर्ज़ किया है,
बादल गरजा शोर के साथ
बारिश भी हुई बडे जोर के साथ
जरा ध्यान रखना अपनी गर्लफ्रैंड
का
कहीं भाग ना जाए किसी ओर के साथ।
क्यूँ किसी की यादों में रोया
जाए
क्यूँ किसी के ख्यालों में खोया
जाए,
बाहर ठंड बहुत ज्यादा है
क्यूँ न रजाई तानकर सोया जाए।
मेरी आँखों में तुम
तुम्हारी आँखों में मै,
पर मेरी जान ये कचरे के लिए
कहा से आ गयी जगह।
निगाहों से निगाहें मिला कर तो
देखो,
कभी किसी लड़की को पटा कर तो देखो,
हसरतें दिल में दबाने से क्या
फायदा,
अपने हाथों से ज़रा दबा कर तो देखो,
आसमान सिमट जाएगा तुम्हारे आगोश
में,
लड़की की टांगें फैला कर तो देखो,
अगर ये न कर सको तो हार मत मानना,
दो बूँदें तो ज़रूर गिरेंगी, यारों
ज़रा अपने उसको को हिला कर तो देखो।
जिनकी एक मुस्कुराहट पर हम अपनी
ज़िंदगी फना कर गए
वो बन्द कमरे में भी मुँह में
लेने से मना कर गए।
संबंध कभी भी जीतकर नहीं निभाए
जा सकते,
संबंधों की खुशहाली झुकने और सहने से बढ़ती है..!!
इश्क मोहब्बत क्या है मुझे मालूम
नहीं बस
उसकी याद आती है और ये खड़ा हो जाता है।
जिंदगी का पासा मैंने कुछ इस तरह
फेंका है,
घोड़ी चढ़ने की बजाय घोड़ी बनाने का ख्वाब देखा है।
22. माना
कि अब तो मुझे मुहब्बत
माना कि अब तो मुझे मुहब्बत नहीं
करती
लेकिन अब भी तू हमारी गली से गुजर जाए तो लोग कहते हे
के ये देखो भाई का माल जा रहा है
हम वो आशिक हैं जो सुबह को शाम
बना देते हैं
छोटी–छोटी मौसमीयों को आम बना
देते हैं
हम से पंगा न ले ओ छोरी हम तो
वो हैं जो
छोटी सी दूकान का भी गोदाम बना
देते हैं
अर्ज़ किया है…
बेज्जती और बीवी अजीब चीज़ होती है…
गौर फरमाइए..
बेज्जती और बीवी अजीब चीज़ होती है…
अच्छी तभी लगती है जब दूसरे की होती हैं।
जमाने के लिए अभी होली आनी है,
मैं
तो तेरी याद में हर रोज पिचकारी
छोड़ता हूँ.
आज लड़किया मर्दो से कम नहीं,
पर हमे इसका कोई गम नहीं.
माना कि वो फ्यूचर मे आसमान पर
जाएँगी, .
मगर रात को तो हमारे ही नीचे आएँगी..।
मांगता हूँ तो देती नहीं..!!
जवाब मेरी
बात का..
देती है
तो खडा हो जाता है..
रोम रोम
जज़्बात का..
कहता हूँ
उस से..ऐसे ना अन्दर रखो..
यूं जवाब
सवाल का..
वो कहती
है, पहले तुम दिखाओ..
रुख अपनी
बात का..
कल शाम
को जब कर रहे थे साथ में..
काम अपने
ऑफिस का..
खुल गया
अचानक उसके आँखों के सामने..
भेद
coding logic का..
इशारा
करके कहती है पकड़ने को मुझको..
कप गरम
coffee का..
और खुद
मेरा पकड़ लेती है..
ठंडा ग्लास
juice का..
सोचता
हूँ आज बांहों में पकड़ के डाल ही दूं..
बालों
में फूल गुलाब का..
डालते
ही झड़ जाता है..
पत्ता
पत्ता गुलाब का..
प्यार से मांगोगे तो वो क्या
उसकी सहेली भी देगी
जब भी कहोगे प्यार से Hi
वो जरूर Hello कहेगी।
तुम कहो तो हम कमरे का जुगाड़ लगाते
हैं
तुम दारू ले आना हम चखना लेकर
आते हैं।
लिटा कर उनको नीचे हम सारी रात
दबाते रहे
उनके सर के दर्द को हम इस तरह मिटाते रहे।